पर्सनल कंप्यूटर (पीसी), आपने जरूर यह शब्द कई बार सुना होगा और सोचा भी होगा की इसे पर्सनल कंप्यूटर क्यों कहते हैं ? सीधा कंप्यूटर ही क्यों नहीं बोलते।
तो आइए जानते हैं
विषय – सूची
पर्सनल कंप्यूटर किसे कहते हैं ?
परिभाषा – पर्सनल कंप्यूटर छोटे आकार तथा कम कीमत का होता है। इसे एक समय पर एक ही व्यक्ति द्वारा व्यक्तिगत उपयोग के कार्य जैसे – लेख लिखना, पत्र लिखना, फिल्म देखना, गेम मनोरंजन आदि कार्यों में उपयोग किया जाता है। पर्सनल कंप्यूटर को बोलचाल की भाषा में पीसी भी कहते हैं।
पर्सनल कंप्यूटर के उदाहरण – डेस्कटॉप, लैपटॉप, टैबलेट, मोबाइल फोन आदि।
यह सभी पर्सनल कंप्यूटर के उदाहरण हैं।
पर्सनल कंप्यूटर को पर्सनल कंप्यूटर क्यों कहा जाता है ?
पर्सनल कंप्यूटर को पर्सनल कंप्यूटर क्यों कहा जाता है इस सवाल का जवाब जानने के लिए हमें थोड़ी इतिहास को ओर झाँकना होगा।
1960 से 1970 के समय में कंप्यूटर आकार में एक कमरे के बराबर हुआ करते थे। एक कंप्यूटर को रखने के लिए पूरा कमरा कम पड़ जाता था। आकार में बड़े होने के साथ-साथ यह कार्य क्षमता में काफी कमजोर हुआ करते थे।
उस समय इन कंप्यूटरों को केवल बड़ी बड़ी यूनिवर्सिटीयों या कंपनियों द्वारा ही खरीदा जाता था। इन प्रारंभिक कंप्यूटरों को कई उपयोगकर्ताओं द्वारा अटेच्ड टर्मिनलों के माध्यम से एक्सेस किया जाता था। सभी उपयोगकर्ताओं के बीच संसाधन साझा किए जाते थे। उस समय कंप्यूटर आम लोगों की पहुँच में नहीं था क्योंकि यह आकार में बड़े और महंगे हुआ करते थे।
जैसे जैसे माइक्रोप्रोसेसर तकनीक का विकास हुआ कंप्यूटर आकार में छोटे और कीमत में सस्ते होते चले गए।
पीसी शब्द 1980 के दशक की शुरुआत में लोकप्रिय हुआ, 1982 के लिए टाइम मैगज़ीन द्वारा पीसी को मैन ऑफ़ द ईयर के रूप में चुना गया। 1980 के दशक के अंत तक, तकनीक बहुत आगे बढ़ गई थी और कंप्यूटर की कीमत बहुत कम हो गईं थी की किसी कंप्यूटर को एक अकेले व्यक्ति द्वारा भी खरीदा जा सकता था।
1990 तक कंप्यूटर को एक अकेला व्यक्ति भी अपने व्यक्तिगत कार्यों के लिए खरीद पा रहा था इसी कारण से यह लोगों का पर्सनल बन गया और तभी से पीसी या पर्सनल कंप्यूटर शब्द चलन में आया।
आईबीएम का पहला पर्सनल कंप्यूटर
1981 में IBM (International Business Machines) द्वारा स्वयं का पर्सनल कंप्यूटर लॉंच किया गया जिसका नाम IBM PC रखा गया। इसके बाद कुछ ही सालों में आईबीएम बाजार में बहुत तेजी से लोकप्रिय हो गया था।
बाद में IBM PC की पद्धति पर कई अन्य निर्माताओ ने आईबीएम पीसी के क्लोन बनाए। क्लोन लगभग आईबीएम पीसी के समान कॉन्फ़िगरेशन वाले पीसी थे, लेकिन कम कीमत पर। धीरे-धीरे, आईबीएम ने पीसी क्षेत्र में अपना प्रभुत्व खो दिया। वर्तमान में पीसी के क्षेत्र में मुख्य रूप से ऐप्पल का मेक कंप्यूटर और अन्य कंप्यूटर निर्माता जैसे- डेल, एचपी का ही प्रभुत्व बरकरार है।
पर्सनल कंप्यूटर के भाग
पर्सनल कंप्यूटर छोटे-छोटे कई हार्डवेयर से मिलकर बना होता है जिनमें शामिल हैं –
कीबोर्ड और माउस (Keyboard and Mouse) – ये दोनों ही बेसिक इनपुट डिवाइसेज (Input Devices) हैं जो डाटा और निर्देशों को पी.सी. में प्रवेश कराते हैं।
मॉनीटर (Monitor) – मॉनीटर को VDU (Visual Display Unit) भी कहते हैं। यह सिस्टम यूनिट से प्राप्त परिणाम को स्क्रीन पर दिखाता है। यह एक आउटपुट डिवाइस है।
प्रिंटर (Printer) – सिस्टम से प्राप्त आउटपुट की हार्ड कॉपी (कागज पर छपा हुआ) निकालने का कार्य प्रिंटर करता है।
पर्सनल कंप्यूटर के सिस्टम यूनिट में निम्नलिखित डिवाइसेज होती हैं।
मदरबोर्ड (Motherboard) – यह एक PCB (Printed Circuit Board) है, जिस पर अधिकतर इलैक्ट्रॉनिक डिवाइसेज उपस्थित होती हैं। यह सिस्टम यूनिट का मुख्य भाग होता है जिसे कंप्यूटर का हृदय भी कहा जाता है। कंप्यूटर के अन्य भाग भी मदरबोर्ड के द्वारा ही जुड़े होते हैं।
एस.एम.पी.एस (SMPS) – यह AC विद्युतधारा (Current Supply) को सिस्टम यूनिट में विभिन्न डिवाइसों और मेन बोर्ड के लिये बांटने का कार्य करता है। AC (Alternative Current) विद्युतधारा को DC (Direct Current) विद्युतधारा में परिवर्तित भी करता है। SMPS मॉनीटर, प्रिंटर आदि को भी विद्युत सप्लाई करता है।
मेमोरी (Memory) – मेमोरी या रेम पर्सनल कंप्यूटर में महत्वपूर्ण डिवाइस है जो डाटा, निर्देश तथा प्रोग्राम्स को 1 और 0 की अवस्था में स्टोर करके रखती है। इनपुट डिवाइस से इनपुट किया गया डाटा तथा निर्देश सबसे पहले मेमोरी में जाते हैं। CPU समय-समय पर प्रोसेसिंग के दौरान डाटा और निर्देशों को मेमोरी से लेता है तथा प्रोसेसिंग के पश्चात परिणाम भी मेमोरी में जाता है जहां से वह आउटपुट यूनिट की और भेज दिया जाता है। मेमोरी को प्राइमरी स्टोरेज (Primary Storage) भी कहते हैं।
हार्ड डिस्क ड्राइव (Hard Disk Drive) – यह डाटा और प्रोग्राम को भविष्य में उपयोग हेतु स्टोर करने के लिए द्वितीयक संग्रहण माध्यम (Second Storage Media) है। यह पीसी को चलाने के लिए सॉफ्टवेयर प्रोग्राम्स, जैसे ऑपरेटिंग सिस्टम, एप्लीकेशन प्रोग्राम आदि को स्टोर करके रखती है। हार्ड डिस्क ड्राइव की भी स्टोरेज क्षमता निश्चित होती है जिसे GB (GigaByte) में मापा जाता है।
कॉम्पैक्ट डिस्क ड्राइव (Compact Disk Drive) – कॉम्पैक्ट डिस्क एक पोर्टेबल स्टोरेज माध्यम है जिसका उपयोग डिजिटल रूप में डेटा जैसे ऑडियो, वीडियो और अन्य डेटा को रिकॉर्ड करने, स्टोर करने और चलाने के लिए किया जा सकता है।
एक स्टेंडर्ड कॉम्पैक्ट डिस्क का माप 4.7 इंच या 120 मिलीमीटर (मिमी) होता है, 1.2 मिमी मोटा होता है, इसका वजन 15 ग्राम और 20 ग्राम के बीच होता है, और इसमें 80 मिनट की ऑडियो, या 650 मेगाबाइट (एमबी) से 700 एमबी तक की क्षमता होती है।
नोट – हालांकि CD ड्राइव का अब बहुत ज्यादा मात्रा में उपयोग नहीं होता है। यह 90 के दसक में बहुत ज्यादा मात्रा में उपयोग कि जाती थी।
दुनिया का पहला पर्सनल कंप्यूटर
MITS नाम की एक छोटी फर्म ने पहला पर्सनल कंप्यूटर, Altair बनाया था। इंटेल कॉर्पोरेशन के 8080 माइक्रोप्रोसेसर का उपयोग करने वाले इस कंप्यूटर को 1974 में विकसित किया गया था। हालांकि अल्टेयर कंप्यूटर के शौकीनों के बीच लोकप्रिय था, लेकिन इसकी व्यावसायिक अपील सीमित थी।
पर्सनल कंप्यूटरों का वर्गीकरण (Classification of Personal Computer)
पर्सनल कंप्यूटर मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं
- डेस्कटॉप पी.सी.
- पोर्टेबल पी.सी.
डेस्कटॉप पी.सी.
जिन कंप्यूटर का उपयोग डेस्क पर रख कर किया जाता है उन्हें डेस्कटॉप कंप्यूटर कहते हैं। इन में सामान्य तौर पर वे कंप्यूटर आते हैं जिनका मॉनीटर, कीबोर्ड, माउस तथा सिस्टम यूनिट (सी.पी.यू) अलग-अलग होते हैं। आज यह कंप्यूटर हर जगह उपयोग किए जाते हैं जैसे – घर, अस्पताल, विद्यालयों, व्यावसायिक संस्थानों आदि जगहों पर।
डेस्कटॉप कंप्यूटर को हम दो श्रेणियों में बांट सकते हैं।
सिंगल यूजर सिस्टम (Single User System) – जिस सिस्टम में एक बार में एक ही व्यक्ति कार्य कर सकता है।
मल्टी यूजर सिस्टम (Multi User System) – मल्टी यूजर सिस्टम में अनेक व्यक्ति एक साथ कार्य कर सकते हैं। ऐसे पी.सी. सामान्य तौर पर लोकल नेटवर्क पर कार्य करते हैं।
पोर्टेबल पी.सी.
इसके अंतर्गत वे पी.सी. आते हैं जिन्हें हम अपनी सुविधा अनुसार एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जा सकते हैं।
लैपटॉप – लैपटॉप पी.सी. को आमतौर पर नोटबुक (Notebook) पी.सी भी कहा जाता है। लैपटॉप को पोर्टेब्लिटी (Portability) के लिहाज से डिसाइन किया गया है ताकि हम अपनी सुविधा अनुसार इसे एक जगह से दूसरी जगह ले जा सकें। लैपटॉप का डिसाइन बिल्कुल सीपी (क्लैमशेल) की तरह होता है, जहाँ नीचे वाले पैनल पर कंप्यूटर कंपोनेंट्स जैसे कीबोर्ड, टच पैड (माउस) होते है। दूसरे ऊपर तरफ के पैनल पर प्लेट स्क्रीन होती है।
लैपटॉप की स्क्रीन को नीचे झुका कर रखा जाता है ताकि एक जगह से दूसरी जगह लाने-लेजाने में स्क्रीन और कीबोर्ड सुरक्षित रहें।
लैपटॉप में आमतौर पर एक रिचार्जेबल बैटरी होती है, जो इसकी पोर्टेबिलिटी को सहूलियत प्रदान करती है। लैपटॉप आकार में छोटे और वजन में लगभग 2 से 3 किलो तक के होते हैं।
लैपटॉप कंप्यूटर समान क्षमताओं वाले डेस्कटॉप कंप्यूटरों की तुलना में अधिक महंगे होते हैं क्योंकि उन्हें डिजाइन और निर्माण करना अधिक कठिन होता है।
टैबलेट पीसी (Tablet) – टैबलेट एक वायरलेस, पोर्टेबल पर्सनल कंप्यूटर है जिसमें टचस्क्रीन इंटरफेस होता है। टैबलेट आमतौर पर नोटबुक कंप्यूटर से छोटा होता है, लेकिन स्मार्टफोन से बड़ा होता है।
टैबलेट एक टचस्क्रीन डिस्प्ले का उपयोग करता है, जिसे स्टाइलस पेन या उंगली का उपयोग करके नियंत्रित किया जा सकता है। कुछ टैबलेट हाइब्रिड डिसाइन के होते हैं जिनमें एक अटैचबिल कीबोर्ड और माउस लगाने की सुविधा भी होती है।
टैबलेट में अधिकतर मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम एंड्रॉइड का उपयोग किया जाता है लेकिन कुछ टैबलेट ऐसे भी हैं जिनमें डेस्कटॉप के ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग किया जाता है जैसे विंडोज OS।
स्मार्टफोन – स्मार्टफोन शब्द एक हैंडहेल्ड (हाथों में) इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को संदर्भित करता है जो सेलुलर नेटवर्क से कनेक्शन प्रदान करता है। स्मार्टफोन अक्सर टैबलेट कंप्यूटर के समान होते हैं, मुख्य अंतर यह है कि स्मार्टफोन में हमेशा सेलुलर इंटीग्रेशन होता है। स्मार्टफोन आम तौर पर टैबलेट से आकार में छोटे होते हैं।
स्मार्टफोन अब लोगों को फोन कॉल करने और ईमेल भेजने के अलावा इंटरनेट का उपयोग करने, गेम खेलने और टेक्स्ट संदेश भेजने की सुविधा देता है।
पर्सनल कंप्यूटर के उपयोग
शुरुआत में कंप्यूटर आकार में बहुत बड़े और महंगे हुआ करते थे तब इन्हें खरीदने में हर कोई समर्थ नहीं था, केवल संपत्ति से सामर्थ्यवान बड़ी कंपनियाँ ही इन्हें खरीद सकती थी। बाद में जब माइक्रोप्रोसेसर तकनीक का विकास हुआ तो कंप्यूटर सस्ते होते चले गए।
आज के समय में लगभग हर क्षेत्र में कंप्यूटर का उपयोग हो रहा है। आम लोगों के घर में जो पर्सनल कंप्यूटर होते हैं उनके मुख्य उपयोग निम्नलिखित हैं –
वर्ड प्रोसेसिंग
वर्ड प्रोसेसिंग का अर्थ कंप्यूटर के माध्यम से दस्तावेजों को बनाने, संपादित करने, सहेजने और प्रिंट करने की क्रिया है। वर्ड प्रोसेसिंग करने के लिए, विशेष सॉफ्टवेयर (वर्ड प्रोसेसर कहा जाता है) की आवश्यकता होती है। वर्ड प्रोसेसर का एक उदाहरण माइक्रोसॉफ्ट वर्ड है, लेकिन अन्य वर्ड प्रोसेसिंग एप्लिकेशन भी व्यापक रूप से उपयोग किए जाते हैं।
इंटरनेट ब्राउजिंग
पर्सनल कंप्यूटर का उपयोग इंटरनेट ब्राउजिंग के लिए भी किया जाता है। इंटरनेट ब्राउजिंग से तात्पर्य किसी भी विषय के बारे में सर्च इंजन पर सर्च करना और उससे संबंधित जानकारी प्राप्त करना। सरल शब्दों में कहा जाए तो इंटरनेट के उपयोग को इंटरनेट ब्राउजिंग कहा जाता है।
घरों के पर्सनल कंप्यूटर का अधिकतम उपयोग इंटरनेट ब्राउजिंग के लिए ही होता है।
इंटरनेट संचार (Internet Communications)
बहुत सारे लोग पर्सनल कंप्यूटर का उपयोग इंटरनेट संचार के लिए भी करते हैं। इंटरनेट संचार का अर्थ है – इंटरनेट के माध्यम से किसी दूसरे व्यक्ति से चैट, वॉइस, या वीडियो कॉलिंग के माध्यम से बात करना।
आज के समय में इंटरनेट के माध्यम से लोगों से जुड़ना बहुत आम बात हो गई है। वर्तमान समय में लगभग हर व्यक्ति किसी ना किसी स्तर पर सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहा है। सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने के पीछे सिर्फ लोगों से जुड़ना उद्देश्य नहीं है, लोग मनोरंजन तथा इंफोटेनमेंट के लिए भी ट्विटर, फेसबुक जैसी सोशल मीडिया साइट से जुड़कर इंटरनेट संचार का हिस्सा बनते हैं।
शिक्षा
पर्सनल कंप्यूटर इतने अफोर्डेबल हो गए हैं कि लोग इसका इस्तेमाल शिक्षा के लिए भी करने लगे हैं। किताब पढ़ना हो या किसी विषय पर रीसर्च करना, शिक्षक हो या विद्यार्थी, सभी लोग अपने-अपने स्तर पर शिक्षा के लिए पर्सनल कंप्यूटर का उपयोग कर रहे हैं।
छात्र पढ़ाई से संबंधित नोट्स बनाने के लिए भी पर्सनल कंप्यूटर का इस्तेमाल करने लगे हैं। शिक्षा के क्षेत्र में ऐसी कई शाखाएं हैं जहाँ कंप्यूटर रखना लगभग अनिवार्य हो जाता है जैसे बी.टेक, 3डी मॉडलिंग आदि।
पढ़ाई करने से लेकर…. परीक्षा … और परीक्षा के परिणाम तक हर जगह पर्सनल कंप्यूटर का उपयोग होने लगा है।
गेमिंग
पर्सनल कंप्यूटर के शुरुआती समय में पीसी बहुत ज्यादा ताकतवर नहीं हुआ करते थे तब पीसी (पर्सनल कंप्यूटर) का उपयोग केवल छोटे छोटे कार्य जैसे डॉक्यूमेंट बनाना या उन्हें प्रिंट करने तक सीमित था।
वर्तमान समय के पर्सनल कंप्यूटर इतने ज्यादा ताकतवर हो गए हैं की लोग इनका उपयोग उच्चतम स्तर की गेमिंग के लिए भी करने लगे हैं।
अब पर्सनल कंप्यूटर का उपयोग केवल डॉक्यूमेंट बनाने या मूवी देखने तक सीमित नहीं रहा है। वर्तमान समय के पीसी इतने सक्षम होते हैं की वे बड़े से बड़े वीडियो गेम को भी आसानी से चला सकते हैं। यही कारण के की आज के समय में पीसी का उपयोग गेमिंग के लिए बढ़-चढ़कर होने लगा है।
व्यापार
अब पुराना समय नहीं रहा जिसमें केवल बड़े व्यवसाय ही कंप्यूटर का उपयोग किया करते थे। यह तकनीक का दौर है यहाँ छोटे से लेकर विशाल व्यापारी तक सभी अपने-अपने स्तर पर पीसी का उपयोग करते हैं। अब यह कहने में कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी की कंप्यूटर के बिना व्यापार करना लगभग असंभव हो चुका है।
बिल बनाने से लेकर GST भरने तक सारे कार्य पीसी के माध्यम से ही किए जाते हैं। वर्तमान समय में लगभग व्यापार का सारा हिसाब-किताब पीसी में ही सेव करके रखा जाता है। इसके अलावा ग्राहकों का डाटा स्टोर करने के लिए भी पीसी का उपयोग किया जाता है।
मनोरंजन
90 के दशक में जब पर्सनल कंप्यूटर आज के मुकाबले बहुत महंगे हुआ करते थे तब इन्हें केवल विशेष काम के उद्देश्य के लिए खरीदा जाता था। तब कंप्यूटर से मनोरंजन के बारे में कोई सोच भी नहीं सकता था क्योंकि कंप्यूटर आम लोगों की पहुँच से काफी दूर था लेकिन अब समय बदल चुका है और पीसी भी बहुत सस्ते हो चुके हैं। यह इतने सस्ते हो चुके हैं की इन्हें मध्यम वर्गीय व्यक्ति भी बड़ी आसानी से खरीद सकते है।
अब पीसी का उपयोग मनोरंजन के लिए भी बढ़-चढ़कर होने लगा है। लोग पर्सनल कंप्यूटर पर मूवी देखते हैं, गाने सुनते हैं, गेम्स खेलते हैं। लोग अपने दैनिक जीवन में पीसी का उपयोग इतना करने लगे हैं की वे लगभग बोर होना ही भूल चुके हैं। जब भी लोग बोर होने लगते हैं वे अपने मोबाइल को निकालकर कुछ ना कुछ देखकर मनोरंजित होने लगते हैं।
ईमेल भेजना तथा प्राप्त करना
पर्सनल कंप्यूटर का उपयोग लोग ईमेल भेजने तथा प्राप्त करने के लिए भी करते हैं। ईमेल औपचारिक संचार का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है। व्यावसायिक संबंध हो या व्यक्तिगत, औपचारिक बातचीत के लिए लोग ईमेल को ही महत्व देते हैं।
फॉर्म
पीसी का उपयोग ऑनलाइन फॉर्म भरने के लिए भी किया जाता है। आज फॉर्म हर जगह हैं, आप एडमिशन लेना चाहें या किसी को भर्ती करना चाहें, आपको हर जगह फॉर्म भरने की जरूरत पड़ेगी। किसी बैंक में खाता खोलने के लिए भी आपको फॉर्म भरने की जरूरत पड़ेगी और फॉर्म भरने के लिए आपको पीसी की जरूरत पड़ेगी।
संपादन (Editing)
पर्सनल कंप्यूटर का उपयोग फोटो तथा वीडियो संपादन के लिए भी हो रहा है। संपादन जैसे कार्यों के लिए पहले अलग से पीसी आते थे जो केवल संपादन को ध्यान में रखकर तैयार किए जाते थे। लेकिन अब समय बदल चुका है। वर्तमान समय में आने वाले पीसी इतने सक्षम होते हैं की वे फोटो तथा वीडियो संपादन का कार्य भी आसानी से संभाल सकते हैं।
पर्सनल कंप्यूटर का इतिहास
पर्सनल कंप्यूटर का इतिहास काफी पुराना है लेकिन पहला पर्सनल कंप्यूटर MIT Altair 8800 को माना जाता है। Altair को 1975 में पेश किया गया था। इसमें इंटेल 8080 सीपीयू का इस्तेमाल किया गया था। यह वह वर्ष था जब जिलोग ने जेड-80 और MOS टेक्नोलॉजी ने MOS 6502 प्रोसेसर बनाया
1976 में स्टीव जॉब और स्टीव वॉजनिएक ने मिलकर एप्पल 1 कंप्यूटर को डिसाइन किया जिसमें MOS 6502 प्रोसेसर का इस्तेमाल किया गया था। यह एक मात्र कंप्यूटर था जिसमें 6502 प्रोसेसर का इस्तेमाल किया गया था। यह वह वर्ष भी था जब इलेक्ट्रिक पेंसिल, पहला वर्ड प्रोसेसिंग प्रोग्राम, और एडवेंचर, माइक्रो कंप्यूटर के लिए पहला टेक्स्ट एडवेंचर जारी किया गया था।
Shugart ने 5.25″ फ्लॉपी ड्राइव पेश की; यह पर्सनल कंप्यूटिंग क्रांति के लिए एक प्रमुख घटक बन गया था।
1977
पर्सनल कंप्यूटर में क्रांति का सफर 1977 में शुरु हुआ जब एप्पल ने Apple II नामक रंगीन कंप्यूटर पेश किया। यह एक रंगील कंप्यूटर था जिसमें एक्सपेंशन स्लॉट के साथ-साथ फ्लॉपी ड्राइव का भी सपोर्ट दिया गया था।
इसी समय रेडियो शेक् ने TRS-80 को देश भर में अपने सभी स्टोर्स में उतारा
डिजिटल रिसर्च ने CP/M, 8-बिट ऑपरेटिंग सिस्टम जारी किया जिसकी जगह बाद में MS-DOS ने ली। इस प्रकार पहला कंप्यूटरलैंड फ्रैंचाइज़ी स्टोर (तब computer shack) खोला गया।
1978
सॉफ्टवेयर ने 1978 में केंद्र स्तर पर कदम रखा जब डैन ब्रिकलिन और बॉब फ्रैंकस्टन ने पहली इलेक्ट्रॉनिक स्प्रेडशीट VisiCalc का निर्माण किया। इसने पर्सनल कंप्यूटर को एक उपयोगी व्यावसायिक उपकरण में बदल दिया, अब यह केवल एक गेम मशीन या इलेक्ट्रिक टाइपराइटर के प्रतिस्थापन के रूप में नहीं था।
इस दौरान वर्डस्टार नामक वर्ड प्रोसेसर सॉफ्टवेयर रिलीज किया गया जिसने लगभग सालों तक वर्ड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री को डॉमिनेट किया।
अटारी ने पर्सनल कंप्यूटिंग बाजार में प्रवेश करने के लिए अपने वीडियो गेम अनुभव और घरेलू नाम का लाभ उठाया। और एपसन ने TX-80, पहला कम लागत वाला डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर पेश किया।
1979
टेक्सास इंस्ट्रूमेंट का खराब डिज़ाइन किया गया TI-99/4 भी 1979 में पर्सनल कंप्यूटर उद्योग के पहले 16-बिट कंप्यूटर के रूप में पेश किया गया था। यह मेमोरी और पेरिफेरल्स के लिए 8-बिट बस से जुड़ा हुआ था, जिसने मेमोरी एक्सेस को काफी धीमा कर दिया था।
1980
1980 वह वर्ष था जब कमोडोर ने वीआईसी -20 के साथ होम कंप्यूटिंग के फ्लडगेट खोले। सिनक्लेयर ने उन्हें $199 किट कंप्यूटर, ZX80 के साथ एक करने की कोशिश की, जो ब्रिटेन में काफी लोकप्रिय था
एप्पल III जिसे 128 KB मेमोरी, एक आंतरिक फ्लॉपी ड्राइव और एप्पल II इम्यूलेशन के साथ पेश किया गया था। यह लोगों को पसंद नहीं आया जिसकी वजह से एप्पल को सभी पीसी वापिस मंगाने पड़े, जो कुछ भी समस्याएं थी उन्हें ठीक कर कुछ समय बाद 120 KB रेम के साथ दोबारा रिलीज किया गया।
यह 5 MB हार्ड ड्राइव सपोर्ट करने वाला एप्पल का पहला पर्सनल कंप्यूटर था।
1981
1981 की शुरुआत में एडम ओसबोर्न ने पहला पोर्टेबल कंप्यूटर पेश किया जिसे ओसबोर्न 1 नाम दिया गया। यह एक सूटकेश के आकार जितना था जो CP/M ऑपरेटिंग सिस्टम पर कार्य करता था। यह 5.25 इंच की फ्लॉपी और 5 इंच की डिस्प्ले के साथ आता था।
पहला लैपटॉप कंप्यूटर भी 1981 में आया था, Epson HX-20 (जिनेवा)। HX-20 लगभग 8.5″ बाय 11″ और शायद 1.5-2″ मोटा था। डेटा स्टोर करने के लिए एक माइक्रोकैसेट का उपयोग करता था। इसमें कीबोर्ड के ऊपर एक एलसीडी स्क्रीन थी जिस पर 20 अक्षरों की 4 लाइनें प्रदर्शित हो सकती थी।
आईबीएम पीसी (IBM PC)
1981 की मुख्य घटनाओं में से एक थी IBM PC का लाँच होना। आईबीएम पीसी को 12 अगस्त को लॉंच किया गया था। लॉंच होते ही यह लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय हो गया था।
यह कंप्यूटर 8-बिट बस (इंटेल 8088) पर 16-बिट सीपीयू चलाता था, इसमें पांच एक्सपेंशन स्लॉट थे, जिसमें कम से कम 16 केबी रैम शामिल था, और इसमें दो पूर्ण-ऊंचाई 5.25″ ड्राइव बे थे।
खरीदारों को एक फ़्लॉपी कंट्रोलर, दो फ़्लॉपी ड्राइव, एक मोनोक्रोम डिस्प्ले एडॉप्टर और 720 x 350 पिक्सेल ग्रीन स्क्रीन मॉनिटर, एक कलर डिस्प्ले एडॉप्टर और CGA (4 रंगों के साथ 320 x 200 या 2 के साथ 640 x 200) के साथ एक काफी भरी हुई मशीन मिल रही थी। , एक पेरलल कार्ड, एक डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर, और एक ऑपरेटिंग सिस्टम – CP/M-86, UCSD p-System, या PC-DOS (a.k.a. MS-DOS) के विकल्प के साथ।
टाइम पत्रिका ने 1982 को “कंप्यूटर का वर्ष” कहा। 1983 तक, अनुमानित कंप्यूटर उद्योग अकेले संयुक्त राज्य अमेरिका में 10 मिलियन पीसी* उपयोग में थे।
1984
एप्पल ने लीसा नाम पहला कंप्यूटर रिलीज किया जो माउस तथा ग्राफिक यूजर इंटरफेस के साथ आता था। इसकी कीमत उस समय लगभग 10000 डालर थी। बेशक इसे हर कोई अफोर्ड नहीं कर सकता था लेकिन इसने 1984 के एप्पल मैकइनतोश के लिए मार्ग प्रश्सत
1985
माइक्रोसॉफ्ट ने पहली बार 1985 में विंडोज 1.0 को शिप किया था, और यह डॉस शेल पुराने 4.77 मेगाहर्ट्ज पीसी पर भी चलने के लिए संतोषजनक था, हालांकि धीरे-धीरे।
1986
कॉम्पैक पोर्टेबल एक प्रारंभिक पोर्टेबल कंप्यूटर था जो पहले आईबीएम पीसी कम्पेटिबल सिस्टम में से एक था। यह कॉम्पैक कंप्यूटर कॉर्पोरेशन का पहला उत्पाद था जिसे 1986 में पेश किया गया था।
1993
माइक्रोसॉफ्ट विंडोज 3.0 को 1992 में रिलीज किया गया था। धीरे धीरे विंडोज पीसी में बहुत लोकप्रिय ऑपरेटिंग सिस्टम बन गया और देखते ही देखते विंडो पीसी का डीफॉल्ट OS के रूप में आने लगा।
1995
एप्पल ने 1995 के दौरना पॉवरबुक 5300 लांच किया। यह पहला मैंनस्ट्रीम डेस्कटॉप कंप्यूटर था जिसमें 300MHz का सीपीयू लगा था।
PowerPC 604 का उपयोग पेशेवर Mac में किया गया था, जिसकी शुरुआत अप्रैल 1995 में 120 और 132 MHz Power Mac 9500 से हुई थी। 604 पहला PowerPC प्रोसेसर था जिसे मल्टीप्रोसेसिंग के लिए डिज़ाइन किया गया था, और कुछ मामलों में, इसका उपयोग क्वाड-प्रोसेसर सिस्टम में किया गया था।
1996
कुछ लगभग पूरी तरह से नया मार्च 1996 में आया, पहला पाम पायलट डिवाइस।
पाम पायलट 1996 में पाम कंप्यूटिंग द्वारा निर्मित व्यक्तिगत डिजिटल सहायकों (PDA – Personal Digital Assistants ) की पहली पीढ़ी का नाम था
यही पाम कंप्यूटर आगे चलकर स्मार्मफोन के लिए रूपरेखा की तरह काम आए। जो स्मार्टफोन हम आज उपयोग करते हैं उनको विकसित करने में मानव सभ्यता को कई दशकों का समय लगा है।
आज हम जो एडवांस पर्सनल कंप्यूटर चला रहे हैं इसे यहाँ तक पहुँचने में काफी लंबा समय लगा है। कंप्यूटर अभी भी अपनी संपूर्ण क्षमता तक नहीं पहुँचे हैं। आने वाले समय में कंप्यूटर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसी तकनीकों का उपयोग करेंगे।