डोमेन नेम (Domain Name) एक नाम होता है, जैसे व्यक्ति का कोई नाम होता है उदा. रमेश , सुरेश वैसे ही वेबसाइट का भी नाम होता है जिसे डोमेन नेम कहा जाता है। डोमेन नेम का उदा. है GOOGLE.COM, TECHSAHAAYATA.COM, आदि यह वेबसाइट के नाम है जिसे तकनीक की भाषा में डोमेन नेम कहा जाता है।
डोमेन नेम सिस्टम (DOMAIN NAME SYSTEM)
डोमेन नेम सिस्टम वह सिस्टम है जो डोमेन नेम को आई पी एड्रेस (IP) में ट्रांसलेट (TRANSLATE) करता है और सही वेबसाइट तक पहुंचने में मदद करता है। और इस सारी प्रोसेस (Process ) को डोमेन नेम रेसुलेशन (Domain Name Resolution)कहा जाता है। आई पी एड्रेस कभी दो वेबसाइट के समान नहीं हो सकते हैं।जब भी हम कोई वेबसाइट खोलते हैं तो पहले ब्राउज़र उस वेबसाइट के नाम को उसके आई पी एड्रेस में बदलता है फिर उस वेबसाइट को खोज कर उसे ओपन(OPEN ) करता है। डोमेन नेम सिस्टम को समझने के लिए आप फ़ोन बुक का उदाहरण ले सकते हैं।
जैसे हम प्रत्येक व्यक्ति का फ़ोन नम्बर याद नहीं रख सकते उसी प्रकार हम किसी वेबसाइट का आई पी एड्रेस भी याद नहीं रख सकते पर हमें व्यक्ति का नाम याद रहता है उसी तरह हम वेबसाइट का नाम भी याद कर लेते हैं क्योंकि वह शब्दों में होते हैं जिसका कुछ अर्थ होता है। पर वेबसाइट के आई पी या व्यक्ति के फोन नंबर का कोई शाब्दिक अर्थ नहीं होता है इस कारण हमें इसे याद रखने में कठनाई होती है। और जैसे हमें किसी व्यक्ति को फ़ोन करना है तो हम फ़ोन बुक में जाकर उसका नाम सर्च करके उसे फ़ोन कर देते हैं बिना उसका नंबर जाने उसी प्रकार हम डोमेन नेम की सहायता से वेबसाइट के आई पी तक पहुंच जाते हैं और सही वेबसाइट ओपन करते हैं।